मध्य प्रदेश भारत का एक भूगोलिक दृष्टि से विविध राज्य है, जहाँ विभिन्न प्रकार की पर्वत श्रृंखलाएँ पाई जाती हैं। ये पर्वत श्रृंखलाएँ न केवल प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करती हैं, बल्कि राज्य के जलवायु, जैव विविधता और सांस्कृतिक महत्व को भी प्रभावित करती हैं। आइए मध्य प्रदेश की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें:
1. विंध्याचल पर्वत श्रृंखला
- स्थिति: विंध्याचल पर्वत मध्य भारत में स्थित है और यह राज्य के उत्तरी और मध्य भाग से गुजरती है।
- प्रमुख जिले: रीवा, सतना, शहडोल, उमरिया।
- ऊँचाई: लगभग 300 से 600 मीटर।
- भौगोलिक महत्व:
- यह उत्तर और दक्षिण भारत को भौगोलिक रूप से विभाजित करती है।
- कई नदियों का उद्गम स्थल, जैसे सोन नदी।
- खास विशेषताएँ:
- पवित्र धार्मिक स्थल “विंध्यवासिनी देवी”।
- शैलचित्र और गुफाएँ (भीमबेटका शैलाश्रय)।
- जैव विविधता:
- सूखा प्रतिरोधी वनस्पतियाँ और जड़ी-बूटियाँ।
2. सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला
- स्थिति: यह दक्षिण मध्य प्रदेश में नर्मदा और ताप्ती नदी के बीच स्थित है।
- प्रमुख जिले: बैतूल, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, पचमढ़ी।
- ऊँचाई: औसतन 900 से 1350 मीटर।
- प्रमुख चोटियाँ:
- धूपगढ़ (मध्य प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी, 1350 मीटर)।
- भौगोलिक महत्व:
- नर्मदा और ताप्ती घाटियों के बीच प्राकृतिक विभाजन।
- खास विशेषताएँ:
- पचमढ़ी हिल स्टेशन।
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व।
- जैव विविधता:
- घने साल और सागौन के वन।
- दुर्लभ जीव-जंतु जैसे बाघ, तेंदुआ, गौर।
3. महादेव पर्वत श्रृंखला
- स्थिति: यह सतपुड़ा पर्वत का हिस्सा है और मुख्यतः होशंगाबाद और छिंदवाड़ा जिलों में फैली हुई है।
- प्रमुख स्थल:
- अमरकंटक (नर्मदा नदी का उद्गम)।
- धूपगढ़ चोटी।
- धार्मिक महत्व:
- अमरकंटक को धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है।
- खास विशेषताएँ:
- यहाँ की मिट्टी काली और लाल है, जो कृषि के लिए उपयुक्त है।
4. किमोर पर्वत श्रृंखला
- स्थिति: यह विंध्याचल पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है और मुख्यतः जबलपुर, कटनी, सतना, और रीवा जिलों में पाई जाती है।
- प्रमुख स्थल:
- बांधवगढ़ नेशनल पार्क।
- पन्ना टाइगर रिजर्व।
- खनिज संसाधन:
- यहाँ चूना पत्थर और हीरे की खदानें पाई जाती हैं (पन्ना क्षेत्र)।
- जैव विविधता:
- घास के मैदान और छोटे झाड़ीदार वन।
5. अरावली पर्वत श्रृंखला (पूर्वी विस्तार)
- स्थिति: यह मुख्य रूप से राजस्थान में है, लेकिन मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से, विशेषकर मुरैना और शिवपुरी जिलों में इसका विस्तार है।
- खास विशेषताएँ:
- यह प्राचीनतम पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
- जल संरक्षण के लिए महत्त्वपूर्ण।
6. मैकाल पर्वत श्रृंखला
- स्थिति: यह सतपुड़ा पर्वत का हिस्सा है और मुख्यतः अमरकंटक क्षेत्र में फैली हुई है।
- प्रमुख स्थल:
- अमरकंटक पठार।
- नदियों का उद्गम स्थल:
- नर्मदा और सोन नदियाँ।
- धार्मिक महत्व:
- अमरकंटक तीर्थ।
7. राजमहल पर्वत श्रृंखला (छोटा क्षेत्र)
- स्थिति: यह श्रृंखला झारखंड में है, लेकिन मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में इसका थोड़ा विस्तार मिलता है।
मध्य प्रदेश की पर्वत श्रृंखलाओं का महत्व
- नदी तंत्र: नर्मदा, सोन, और ताप्ती जैसी प्रमुख नदियाँ यहाँ से निकलती हैं।
- खनिज संसाधन: चूना पत्थर, हीरा, और बॉक्साइट खनन के लिए महत्वपूर्ण।
- जैव विविधता: राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य जैसे कान्हा, बांधवगढ़ और पन्ना।
- पर्यटन: पचमढ़ी, अमरकंटक, और भीमबेटका जैसे स्थल।
- धार्मिक महत्व: अमरकंटक और विंध्यवासिनी मंदिर।
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