नदी जोड़ो परियोजना : River Linking Project – MP GK

नदी जोड़ो परियोजना : River Linking Project – MP GK

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  • नदी जोड़ो परियोजना (National River Linking Project – NRLP) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश में जल असंतुलन को दूर करना है।
  • इस परियोजना के तहत अधिक जल वाले क्षेत्रों की नदियों को जल की कमी वाले क्षेत्रों से जोड़ा जाता है।

उद्देश्य

  • बाढ़ और सूखे की समस्या को कम करना।
  • सिंचाई क्षमता बढ़ाना।
  • पेयजल और बिजली उत्पादन सुनिश्चित करना।

मुख्य परियोजनाएँ

  1. हिमालयी घटक
    • गंगा, ब्रह्मपुत्र, और अन्य उत्तर भारत की नदियाँ।
    • उद्देश्य: गंगा के अतिरिक्त जल को अन्य क्षेत्रों तक ले जाना।
  2. प्रायद्वीपीय घटक
    • गोदावरी, कृष्णा, कावेरी जैसी दक्षिण भारतीय नदियाँ।
    • उद्देश्य: दक्षिण के सूखा-प्रभावित क्षेत्रों तक जल पहुँचाना।

भारत में प्रमुख लिंक परियोजनाएँ

परियोजनाकेंद्रलाभार्थी क्षेत्र
केन-बेतवा लिंकमध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेशबुंदेलखंड।
पार-तापी-नर्मदा लिंकगुजरात, महाराष्ट्रपश्चिमी भारत।
दमनगंगा-पिंजल लिंकमहाराष्ट्र, गुजरातमुंबई और गुजरात के क्षेत्र।
गोदावरी-कृष्णा लिंकआंध्र प्रदेश, तेलंगानादक्षिण भारत।


1. केन-बेतवा लिंक परियोजना

परिचय

  • केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना है, जिसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया गया है।
  • यह परियोजना मुख्यतः बुंदेलखंड क्षेत्र (मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश) में जल संकट और सूखे की समस्या को हल करने के लिए बनाई गई है।

प्रमुख तथ्य

  • उद्देश्य:
    • केन नदी के अतिरिक्त जल को बेतवा नदी में स्थानांतरित करना।
    • सिंचाई, पेयजल और बिजली उत्पादन में वृद्धि करना।
  • राज्य: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश।
  • लंबाई: लगभग 231 किमी।

भौगोलिक पहलू

  • केन नदी:
    • उद्गम: कैमूर पर्वत (कटनी जिला, मध्य प्रदेश)।
    • प्रवाह: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश।
    • गिरावट: यमुना नदी।
  • बेतवा नदी:
    • उद्गम: विन्ध्याचल पर्वत (रायसेन जिला, मध्य प्रदेश)।
    • प्रवाह: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश।
    • गिरावट: यमुना नदी।

संरचनात्मक विशेषताएँ

  1. बाँध:
    • दौधन बाँध:
      • निर्माण: पन्ना टाइगर रिज़र्व के पास।
      • कार्य: जल भंडारण और प्रवाह नियंत्रित करना।
  2. जलाशय:
    • दौधन जलाशय।
  3. नहरें:
    • केन और बेतवा को जोड़ने वाली मुख्य नहर (231 किमी)।

लाभ

  1. सिंचाई:
    • 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई।
    • मुख्यतः बुंदेलखंड क्षेत्र में।
  2. पेयजल आपूर्ति:
    • 62 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा।
  3. बिजली उत्पादन:
    • 103 मेगावाट पनबिजली।
  4. बाढ़ और सूखे की समस्या का समाधान

चुनौतियाँ

  1. पर्यावरणीय प्रभाव:
    • पन्ना टाइगर रिज़र्व और जैव विविधता को खतरा।
  2. पुनर्वास:
    • परियोजना के कारण प्रभावित होने वाले लोगों और गाँवों का पुनर्वास।
  3. राजनीतिक विवाद:
    • मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच जल बंटवारा।
  4. वित्तीय लागत:
    • कुल लागत: लगभग ₹44,605 करोड़।

2. नर्मदा-ताप्ती लिंक परियोजना

परिचय

  • नर्मदा और ताप्ती नदियाँ पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ हैं, और इनका उद्देश्य जल की उपलब्धता बढ़ाना है।
  • नर्मदा-ताप्ती लिंक परियोजना का मुख्य उद्देश्य इन नदियों के जल का उपयोग कर सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में पानी पहुँचाना और सिंचाई का विस्तार करना है।

प्रमुख तथ्य

  • नर्मदा नदी:
    • उद्गम: अमरकंटक (मध्य प्रदेश)।
    • प्रवाह: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात।
    • गिरावट: अरब सागर।
  • ताप्ती नदी:
    • उद्गम: मुल्ताई (बैतूल, मध्य प्रदेश)।
    • प्रवाह: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात।
    • गिरावट: अरब सागर।

संरचनात्मक विशेषताएँ

  1. नहर प्रणाली:
    • नर्मदा नदी का जल ताप्ती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा।
  2. जलाशय और बाँध:
    • सरदार सरोवर बाँध (नर्मदा नदी)।
    • हातनोरा बाँध (ताप्ती नदी)।

लाभ

  1. सिंचाई:
    • मध्य प्रदेश, गुजरात, और महाराष्ट्र के सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई।
  2. जल आपूर्ति:
    • शहरी और ग्रामीण पेयजल समस्या का समाधान।
  3. बिजली उत्पादन:
    • पनबिजली उत्पादन की संभावना।
  4. औद्योगिक विकास:
    • परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा।

चुनौतियाँ

  1. पर्यावरणीय प्रभाव:
    • नदी पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान।
  2. पुनर्वास और विस्थापन:
    • प्रभावित जनसंख्या का पुनर्वास।
  3. जल विवाद:
    • मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात के बीच जल बँटवारा।
  4. लागत:
    • उच्च वित्तीय लागत।

3. लाभ और चुनौतियों का तुलनात्मक विश्लेषण

पहलूकेन-बेतवानर्मदा-ताप्ती
लाभसिंचाई, पेयजल, बिजली उत्पादन।सिंचाई, औद्योगिक विकास, बिजली।
पर्यावरणीय प्रभावपन्ना टाइगर रिज़र्व को नुकसान।नदी पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव।
राजनीतिक विवादमध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश।मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-गुजरात।
लागत₹44,605 करोड़।उच्च लागत (सटीक आँकड़े अनुपलब्ध)।

फायदे

  • सिंचाई क्षमता में वृद्धि: अधिक जल वाले क्षेत्रों से सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में जल पहुँचाना।
  • पेयजल आपूर्ति: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल की उपलब्धता।
  • बिजली उत्पादन: पनबिजली संयंत्रों का निर्माण।
  • बाढ़ और सूखे में कमी: जल संतुलन।

चुनौतियाँ

  • पर्यावरणीय प्रभाव: जैव विविधता को नुकसान।
  • पुनर्वास की समस्या: परियोजना के कारण विस्थापन।
  • अत्यधिक लागत: विशाल वित्तीय निवेश की आवश्यकता।
  • राजनीतिक विवाद: राज्यों के बीच जल विवाद।

नदी जोड़ो परियोजना भारत और मध्य प्रदेश में जल संसाधनों के प्रबंधन और बाढ़-सूखा संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है। यह परियोजना कृषि, बिजली और पेयजल में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। हालांकि, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए पर्यावरण संरक्षण और पुनर्वास योजनाओं पर ध्यान देना आवश्यक है।

  • केन-बेतवा परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र की जल समस्या का समाधान करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जबकि नर्मदा-ताप्ती परियोजना पश्चिम भारत के जल प्रबंधन और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने में सहायक है।
  • इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए पर्यावरण संरक्षण, वित्तीय प्रबंधन और पुनर्वास नीतियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

4. संभावित Objective Type Questions

राष्ट्रीय स्तर पर

  1. भारत में नदी जोड़ो परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    • (a) उद्योगों का विकास
    • (b) बाढ़ और सूखे की समस्या को हल करना
    • (c) पेयजल समस्या बढ़ाना
    • (d) समुद्र का जलस्तर कम करना
    • उत्तर: (b)
  2. भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना कौन-सी है?
    • (a) पार-तापी-नर्मदा लिंक
    • (b) केन-बेतवा लिंक
    • (c) गोदावरी-कृष्णा लिंक
    • (d) गंगा-ब्रह्मपुत्र लिंक
    • उत्तर: (b)
  3. केन-बेतवा परियोजना किन राज्यों से संबंधित है?
    • (a) मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश
    • (b) गुजरात और महाराष्ट्र
    • (c) राजस्थान और मध्य प्रदेश
    • (d) उत्तर प्रदेश और बिहार
    • उत्तर: (a)

मध्य प्रदेश के संदर्भ में

  1. मध्य प्रदेश में किस नदी को बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा-प्रभावित क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है?
    • (a) चंबल नदी
    • (b) केन नदी
    • (c) नर्मदा नदी
    • (d) सोन नदी
    • उत्तर: (b)
  2. पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश का कौन-सा हिस्सा लाभान्वित होगा?
    • (a) दक्षिणी भाग
    • (b) पश्चिमी भाग
    • (c) उत्तरी भाग
    • (d) पूर्वी भाग
    • उत्तर: (b)
  3. केन-बेतवा परियोजना के तहत कौन-सा बाँध प्रमुख है?
    • (a) बरगी बाँध
    • (b) दौधन बाँध
    • (c) इंदिरा सागर बाँध
    • (d) तवा बाँध
    • उत्तर: (b)

संभावित MPPSC प्रश्न

  1. केन-बेतवा लिंक परियोजना किन राज्यों से संबंधित है?
    • (a) मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश
    • (b) मध्य प्रदेश और राजस्थान
    • (c) गुजरात और महाराष्ट्र
    • (d) उत्तर प्रदेश और बिहार
    • उत्तर: (a)
  2. केन-बेतवा लिंक परियोजना का मुख्य बाँध कौन-सा है?
    • (a) सरदार सरोवर बाँध
    • (b) इंदिरा सागर बाँध
    • (c) दौधन बाँध
    • (d) नागार्जुन सागर बाँध
    • उत्तर: (c)
  3. नर्मदा-ताप्ती लिंक परियोजना का उद्देश्य क्या है?
    • (a) बिजली उत्पादन
    • (b) जल प्रबंधन और सिंचाई
    • (c) औद्योगिक विकास
    • (d) उपरोक्त सभी
    • उत्तर: (d)
  4. नर्मदा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?
    • (a) सतपुड़ा पर्वत
    • (b) अमरकंटक
    • (c) मुल्ताई
    • (d) विन्ध्याचल
    • उत्तर: (b)
  5. केन-बेतवा लिंक परियोजना का पन्ना टाइगर रिज़र्व पर क्या प्रभाव है?
    • (a) जैव विविधता में वृद्धि।
    • (b) कोई प्रभाव नहीं।
    • (c) जैव विविधता को खतरा।
    • (d) नदियों का प्रदूषण।
    • उत्तर: (c)


Comments

One response to “नदी जोड़ो परियोजना : River Linking Project – MP GK”

  1. […] केन-बेतवा लिंक परियोजना:यह भारत की पहली नदियों को जोड़ने की परियोजना है, जिसमें केन और बेतवा को जोड़ा जाएगा। यह सिंचाई, पेयजल, और बिजली उत्पादन के लिए उपयोगी होगी। […]

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