सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला ( Satpura Mountain Range )

सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला ( Satpura Mountain Range )

सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला भारत की एक प्रमुख पर्वत श्रृंखला है, जो मध्य भारत के भूभाग पर फैली हुई है। यह श्रृंखला विंध्याचल और पश्चिमी घाट के बीच स्थित है। इसका नाम “सतपुड़ा” दो शब्दों “सात” और “पुड़ा” से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “सात परतें”। यह श्रृंखला भौगोलिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला

  1. भौगोलिक स्थिति
    • सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला मध्य भारत में स्थित है और इसकी मुख्य सीमा गुजरात, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र राज्यों में फैली हुई है।
    • यह पर्वत श्रृंखला नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच स्थित है।
    • इसकी लंबाई लगभग 900 किमी है, और यह पूर्व से पश्चिम दिशा में फैली हुई है।
  2. मुख्य शिखर
    • धूपगढ़: यह सतपुड़ा श्रृंखला का सबसे ऊँचा शिखर है, जिसकी ऊँचाई 1,350 मीटर है। यह मध्य प्रदेश के पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित है।
    • महादेव पहाड़ियाँ: ये भी पचमढ़ी के पास स्थित हैं और सतपुड़ा की महत्वपूर्ण श्रेणियों में आती हैं।

भौगोलिक विशेषताएँ

  1. उद्भव और संरचना:
    • सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला प्राचीन चट्टानों से बनी है, जो गोंडवाना काल की मानी जाती हैं।
    • इसमें बेसाल्ट, ग्रेनाइट और शिस्ट जैसी चट्टानों का बाहुल्य है।
  2. नदियाँ और जल स्रोत:
    • नर्मदा, ताप्ती, और सोनभद्र जैसी प्रमुख नदियाँ इस पर्वत श्रृंखला से निकलती हैं।
    • इन नदियों के कारण यह क्षेत्र जल संसाधनों में समृद्ध है।
  3. वनस्पति और जैव विविधता:
    • सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला घने जंगलों से आच्छादित है, जहाँ साल, टीक, और बाँस जैसे वृक्ष प्रमुख हैं।
    • यहाँ बाघ, तेंदुआ, बारहसिंगा, और जंगली भालू जैसे जीव-जंतु पाए जाते हैं।
  4. जलवायु:
    • इस क्षेत्र की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जिसमें गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होता है, जबकि सर्दी के मौसम में ठंडा रहता है।
    • वर्षा का मुख्य स्रोत दक्षिण-पश्चिम मानसून है।

महत्व

  1. पर्यावरणीय महत्व:
    • यह क्षेत्र जैव विविधता में समृद्ध है और इसे भारत के “पारिस्थितिकीय हॉटस्पॉट” के रूप में जाना जाता है।
    • सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और पचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र इसी पर्वत श्रृंखला में स्थित हैं।
  2. आर्थिक महत्व:
    • इस क्षेत्र के जंगल लकड़ी और अन्य वन उत्पादों का प्रमुख स्रोत हैं।
    • सतपुड़ा की पहाड़ियों में खनिज पदार्थ भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे कि कोयला, बॉक्साइट, और चूना पत्थर।
  3. पर्यटन:
    • पचमढ़ी, जिसे “सतपुड़ा की रानी” कहा जाता है, इस क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन स्थल है।
    • यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव सैंक्चुअरी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

महत्वपूर्ण स्थल

  1. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान:
    • यह मध्य प्रदेश में स्थित है और यूनेस्को की जैवमंडल आरक्षित सूची में शामिल है।
    • यहाँ बाघों और अन्य दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण किया जाता है।
  2. पचमढ़ी:
    • यह मध्य प्रदेश का एक प्रमुख हिल स्टेशन है।
    • यहाँ सुंदर जलप्रपात, गुफाएँ, और प्राकृतिक दृश्यावलियाँ हैं।
  3. भीमबेटका रॉक शेल्टर:
    • यह क्षेत्र प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है।
    • इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

चुनौतियाँ और संरक्षण

  1. पर्यावरणीय चुनौतियाँ:
    • वनों की कटाई और खनन गतिविधियाँ यहाँ की जैव विविधता को प्रभावित कर रही हैं।
    • अवैध शिकार और पर्यटन दबाव से भी यहाँ के पारिस्थितिक तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  2. संरक्षण प्रयास:
    • सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और पचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र जैसे संरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं।
    • वनीकरण और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, और खनिज संपदा से भरपूर है। यह न केवल मध्य भारत की पारिस्थितिकी को संतुलित करती है, बल्कि लाखों लोगों की आजीविका का भी स्रोत है। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों के साथ, यह क्षेत्र भविष्य में भी अपनी महत्ता बनाए रख सकता है।


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